8 APR 2018 AT 8:24

धूसर होते पेड़ पर आज,
फिर कत्थई रंग चढ़ने लगा है
पतझड़ से उजड़ी शाख पर आज,
फिर कोई पत्ता जुड़ने लगा है !!

बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर
हर एक पक्षी चहकने लगा है
चंद ही पलों की इस बारिश से
देखो ये समां महकने लगा है !!

- गजराज