धूसर होते पेड़ पर आज,फिर कत्थई रंग चढ़ने लगा हैपतझड़ से उजड़ी शाख पर आज,फिर कोई पत्ता जुड़ने लगा है !!बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर हर एक पक्षी चहकने लगा हैचंद ही पलों की इस बारिश सेदेखो ये समां महकने लगा है !! - गजराज
धूसर होते पेड़ पर आज,फिर कत्थई रंग चढ़ने लगा हैपतझड़ से उजड़ी शाख पर आज,फिर कोई पत्ता जुड़ने लगा है !!बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर हर एक पक्षी चहकने लगा हैचंद ही पलों की इस बारिश सेदेखो ये समां महकने लगा है !!
- गजराज