तो दुनिया नयी नजर आएगी। दिमाग जरूर टोकेगा कि ये धुंधला समा मत देखो लेकिन दिल पर भरोसा रखना, मन की आंखें तुम्हें सब दिखाएंगी। फिर अगर उस नयी दुनिया में तुम सहमने लगो तो काफिर याद करना कि जिदंगी की शुरुआत में तो चश्मा था ही नहीं।
तेरा तरीका गलत था, तेरे इरादे नहीं। तेरे वादे झूठे थे, तेरी बातें नहीं। तूने सपने दिखाए जो वो भी गलत थे, पर वो यादें नहीं। तो चल फिर आज उन्हीं यादों के लिए, बातों के लिए, उन इरादों के लिए, एक बार फिर से मैंने तुझे माफ किया।