आज लफ़्ज़-ए-मोहब्बत फ़साना हुआ
तुझको देखे भी अब तो ज़माना हुआ
हमको सहरा-नवर्दी मिली इश्क़ में
अहले दिल का कोई कब ठिकाना हुआ-
शहीदों तुमको मेरा सलाम , 🇮🇳🇮🇳
कुर्बानी का व्रत किया तू , पिया शहादत जाम ..
शहीदों तुमको मेरा सलाम ...!! 🇮🇳🇮🇳
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मेरा दिल इक फ़साना बना है ,
टूटे दिल को लगाना पड़ा है ।
तुझको मालूम है कि वफ़ा में ,
ख़ुदको कितना जलाना पड़ा है ।।
-- नवनीत"कृष्ण"-
ऐतबार-ए-हुस्न करना चाहिए ,
तोहमतें हरगिज़ न धरना चाहिए ।
कोरा काग़ज़ जैसा है ये दिल मेरा,
रंग-ए-उल्फ़त इसमें भरना चाहिए ।।-
आज लफ़्ज़े मोहब्बत फ़साना हुआ,
तुझको देखे भी अब तो ज़माना हुआ ।
यह तो "नवनीत" मुझको भी ख़बर ही नहीं,
किस तरह आपका मैं दीवाना हुआ ।।-
आपके ज़िंदगी के हरेक जन्मदिन को अता करते है,
आपको ईशर-आल्हा हमेशा ख़ुशी दे यही दुआ करते है.
चमकती रहेगी आपकी हरेक ज़िंदगी राहें हरदम,
अंधेरों से दूर रहे आप खुद रौशन बनू खुदा करते है ।
खुशियों से भरी हो आपकी जिंदगी हरपल हरदम,
आपकी होठो ही मुस्कुराहट यूँ फूलों सा खिला करते है ।-
सरखमी सीखी नही आज भी खुद्दार हैं हम,
हौसला देखो के हरवक्त सरे दार हैं हम ।
आज भी देखिए के दर पये आज़र है वो,
इस बुरे वक्त में भी साहेबे इसार हैं हम ।
---नवनीत कृष्णा-
इक सिलसिला तवील रहा इंतज़ार का,
अब हाल क्या सुनाये दिले बेकरार का ।
देता है दर्दे दिल भी तबस्सुम के साथ-साथ,
अंदाज़ ही जुदा है मेरे ग़म गुसार का ।
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"अमित राजपूत भैया जी" के जन्मदिन पर ।।।
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प्यारे अमित भैया जी का आज जन्मदिन का शुभ मेला है,
लग रहा चारो ओर बहारों का मेले में ठेला है,
अमित भैया की खुशियों में शामिल होकर,
दोस्त की महफ़िल लगता अलबेला है ।
आज अमित भैया जी का जन्मदिन था आना,
आओ झूम-झूम कर मिलकर सब गाये गाना ।
सदा ख़ुश रहे मेरे प्यारे अमित भैया जी,
नाम है जिसका मीत बनो मनमीत बनो जी !
सदा ख़ुश रहे अमित भैया जी का जहाँ,
पूरे हो इनके सारे अरमान प्यार हो जहाँ ।
हर वर्ष यूँ ही अमित भैया को हर्षाता रहे,
हर जीवन ,हर पल में आप यूंही मुस्कुराता रहे ।
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जन्मदिन की हार्दिक बधाई दिल से आपको "अमित भैया" जी ।
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"नवनीत कृष्णा"
बिहार ,नालंदा-
अच्छा नही हुआ .....
यूँ ज़ख्मों पे ज़ख्म खाना,
अच्छा नही हुआ.…..
दिल लगी रक़ीबों से लगाना,
अच्छा नही हुआ.....
ग़मों पे और शराब चढ़ाना,
अच्छा नही हुआ.....
टूटे दिल को दिल से मिलाना,
अच्छा नही हुआ......
कभी सूरज को दीप दिखाना,
अच्छा नही हुआ......
ज़ख़्म पे नमक लगाना ।।
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