ये शज़र के पत्ते मुहब्बत के कीमती वरक़ हैंजिंदगी की किताब पर लिक्खे हुएबिख़र गए हैं जो सरेराह, ज़िंदगी पूछती है- 'कमबख्त ! तुम हिसाब में इतने कमज़ोर तो नहीं थे!' - © दुष्यंत dushyantlive
ये शज़र के पत्ते मुहब्बत के कीमती वरक़ हैंजिंदगी की किताब पर लिक्खे हुएबिख़र गए हैं जो सरेराह, ज़िंदगी पूछती है- 'कमबख्त ! तुम हिसाब में इतने कमज़ोर तो नहीं थे!'
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