Dush Yant   (© दुष्यंत dushyantlive)
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Joined 6 November 2016


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Joined 6 November 2016
9 JAN 2023 AT 20:24


कितना कुछ था
जो सिर्फ प्रेमपत्रों में
लिख सकते थे हम।
कितना कुछ है
जो सिर्फ मिलने पर
पास बैठकर ही
कहा जा सकता है
कितना कुछ है
जिसके
ना कहे जाने में ही प्रेम है।

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29 DEC 2022 AT 17:38

तुमने ड्राइव करते हुए
हर रेड लाइट पर रुकते हुए
सीट बेल्ट ढीला करते हुए
ग्रीन लाइट होने से
कुछ क्षण पहले तक
चूमा मुझे।
तुम्हारे बगल में बैठे हुए मैं।
ये यात्राएं कभी यहीं तक नहीं रुकीं।
अंतरंगता के चंद्रमा को
जी भर छुआ हमने।
घूमा हमने ब्रह्मांड:
तीव्र, मद्धम, तीव्र।
मत पूछना कि
क्यों नहीं सीखा मैंने
चौपहिया चलाना!

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29 DEC 2022 AT 16:18

हमने किया प्रेम
ऐसे प्रेम के साथ
जो अधिक था प्रेम से।
- एडगर एलन पो

अनुवाद:

-


29 NOV 2022 AT 8:00

तुम
बुकशेल्फ में किताब की बात करती हो!
मैं तो मोबाइल में
एप की पोजिशन हिलने नहीं देता,
BTW, हिल जाए तो विचलित हो जाता हूं।

सोचो, तुम्हे दिल में कैसे सहेजकर रखता हूँ मैं!

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22 NOV 2022 AT 12:29

तुमने कहा कि
तुमसे मिलने आऊंगी।

तुमने नहीं कहा कि
नवम्बर में आऊंगी।

फिर ये कमबख़्त नवम्बर
क्यों आया है ?

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9 NOV 2022 AT 19:27


गंगा के घाट की सीढ़ियों पर
बैठकर तुमने पढ़ ली थी
मेरी किताब एक सांस में।
एक सांस में ले लिए
अनगिनत चुम्बन
एक सांस में जुड़ गई
दो आत्माएं।

किताब को चूमना
उसके लेखक के होंठ
चूमना नहीं होता
होता है चूमना
लेखक की आत्मा को।

-


5 NOV 2022 AT 12:03

प्रेम में जीतता कौन है?
प्रेम में
मंजिल कोई होती नहीं।
रास्ता पूछना
प्रेम में हारे हुए लोगों से ...

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29 SEP 2022 AT 7:27

एकांत है सुंदर
पर तुम्हें चाहिए कोई
जिसे कहा जाए कि
सुंदर है एकांत।

- बाल्ज़ाक

अनुवाद:

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11 SEP 2022 AT 11:26

सितंबर में प्रिय की याद इतनी तीव्र होती है
कि ऋतुएं समस्त नतमस्तक हो जाती हैं
वर्षा के दिन भादो की गोद में बैठकर चले गए
आश्विन की प्रथम सांझ है
जैसे स्मृति की एक पगली सी फुहार!
ज्यों बहुप्रतीक्षित
प्रथम बूंद वीर्यवर्षा की !!

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8 SEP 2022 AT 15:00


उसने कहा था- काशफूल आएंगे, तब आऊंगी।
मैंने पूछा- कब आएंगे काशफूल?
बोली- जब मैं आऊंगी!
यह अंतिम मुलाकात थी।

धवल काशफूल !
महाकवि ने कहा था 'नववधु के परिधान' जिन्हें!
पूजा की सुगंध के दिनों में
नदी तट पर काशफूल खिल आये हैं
मेघपंक्ति से प्रतिस्पर्धा करते हुए !

एक शेष चुम्बन की स्मृति है काशफूल !

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