Durga Pushkarana   (Durga)
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Joined 22 December 2017


Joined 22 December 2017
24 MAR AT 21:44

नजर उतारूं भाई भावज री
माला उवांरु , वारी जाऊं
पीहर री गलियों में हरख मनाऊं
भाई थारे आंगण में नित रा मंगल गाऊं
नेग भी दीज्यो घणे मान स्यू
प्रेम री सौगात और मीठा बोल
बेण भाई री प्रीत ना है कोई मोल
भतीजा री मौज हुवे
इतरो ही अरदास करतार से
याद करता हीं हियों भरीजै
नज़र उतारु नित री मैं ।।

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8 MAR AT 21:38

नानाणो केवता ही हिवडो अपार हिलोरा खावे
बो घर स्यु ज्यादा भावना रो मेल करावे
दिनुग उठता ही सिरावणो, राबड़ी रोटी
नानी रो अपार हेत, घी री दो धार और चूरमो
कोई रोक टोक ना ही मां री फटकार
याद आवतां ही बचपन रील ज्यूं घूम जावे
पत्ता हो ताश रा या हो कैरम रो खेल
छुट्टियां मनाने कुल्लू मनाली स्यू ज्यादा चोखो
नानी रो घर याद आवे ।।

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5 MAR AT 21:29

सरल सरिता है जो मन से
संजीदगी और सादगी भरे तन से
त्याग और समर्पण है दिल से
बहुत सुन्दर है विचारों से
संतोष नाम ही परिभाषा है जीवन की
नही आता इसे बहुत अलंकृत समझाना
पर वास्तविक मूल्य बताती है मन से
जो कर्तव्य पथ पर रहती अडिग है
मेरी मां की खूबसूरती शब्दों में नहीं
पर व्यक्तित्व की एक झलक है इस कलम से !!

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12 FEB AT 9:10

नारायण की गूंज , गूंजती है रगो में
आज भी पीपल की टहनी निहारती है वजूद आपका
दिव्यता गायत्री मंत्र की देती है सुकून आपका
बाखल की रज में महक है देदीप्यता की
ओझल होकर भी हर देव है आप
याद कहूं या अहसास होता है परिवार में
बहुत सींचा था आपने जिसे फलित है आशीर्वाद
आज भी भाईजी की धुन देती है अपार विश्वास
बांधती है एक डोर आपके नाम से
भाईजी की गूंज गूंजती है हर जन में ।।

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13 NOV 2023 AT 12:19

शुभ है मंगल है , जब सब साथ है।
रौनक है दीपों की , खनक है दीपोत्सव की
मिठास है रिश्तों की,चौक है आंगन का
हर दिन दिवाली हो प्रेम हो परिवार में
शुभ हो , हर्ष रहे अपार
दीप से झिलमिल रहे खुशियां रहे अपार
मंगल कामना है दिल से
शुभ रहे हर दीपावली का त्यौहार।।

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30 SEP 2023 AT 13:57

कुछ अल्फाज अधूरे रह गए
कुछ बाते अधूरी रह गई
जाने कुछ रह सा गया
मंजिल ने मुकाम तक पहुंचाया
पर आपके किस्से कहानी बन गए
रहेगी ये यादें सदा जीवन संग
नव ऊर्जा , नव उमंग खिले
हम ना मिले पर नई डोर मिले
काश कभी इस नव मंजिल के डगर
कभी हम मिले ......

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14 SEP 2023 AT 17:51

तू सरल है भावों में , कठिन अभिमान में
हर दिल से जुड़ी है भारत के यशगान में
निकलती है संस्कृत के प्रवाह से
तू प्यारी सूता है , निश्चल सरिता सी
वाणी की विनयता में , कवि की कविता में
है औज तेरी हर अभिवक्ति में
हिंद से जुड़ी हिंदुस्तान की गरिमा में
तू हिंदी है जन हृदय के उद्घोष में
गौरव है भारत के हर रज कण में
एक प्रयास है इस कलम से ।

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5 SEP 2023 AT 21:19

गर्व है मुझे एक शिक्षक की बेटी होने में
सीखा समय का महत्व , ज्ञान पिपासा भाई जी से
बचपन से सीखा व्यवस्थित जीवन,
विद्यालय की गरिमा और परिवार संतुलन बड़ेपापा से
कर्म की महता और जीने की कला
हर परिस्थिति में सम भाव आते है पापा से
काका से सीखा हर मोती माला में पिरोना
और सबसे छोटे काका से सरलता जीवन की
मां , बड़ी मां , और मम्मा ने ढाल दिया सांचे में
चाची मां से सीखा हंसना मुस्कुराना
शिक्षक ऐसे है हमारे घर के
नाज है हमें आप सभी के समर्पण और सेवा से
गर्व है शिक्षक की बेटी होने पर ।




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4 AUG 2023 AT 11:23

चाय से शुरू होकर जो चर्चा बन जाए
हंसना और हंसाना ध्येय हो जाए
कोई मोती ऐसा जो माला बना दे
व्यक्तित्व ऐसा हो जो विशेष बन जाए
सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मिल जाए
किसी बात को करने का जरिया मिल जाए
फिर चर्चा खत्म होकर चाय बन जाए
आप जहां रहे यह किस्सा यूंही बन जाए
मां करणी का आशीर्वाद बना रहे
आप जहां जाए माहौल खुशमिजाज बन जाए
एक चाय वहां और मिल जाए।।

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11 MAY 2023 AT 20:34

कैसे बयां करें अपने भावों को
मुंह से ज्यादा आंखे बोलना चाहती है
बिना पैरो के मन नाच रहा है
हृदय अपने भावों में हिलोरे खा रहा है
आज देरासरी उपाध्याय परिवार नंदोत्सव में
शब्द के बिना उन्मुक्त हो खिल रहे है
जो डर यशोदा देवकी को था लल्ला की नजर की
वो आज हर दादी नानी भुआ मासी को है
बहुत इंतजार करवाया नन्हे सरकार ने
दुलारा है ये दुलजी का, अभिमान तेजकुमार जी का
चाचा मामा को खुद की छवि मिल गई
चाची मामी का हर्ष अपार ।
खुश रहे तू नटखट राधा पवनसुत
हर दिन नव हो , हो नव उल्लास ।।


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