Dr Vikas Jain   (Dr Vikas Jain)
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Joined 8 September 2017


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Joined 8 September 2017
3 FEB AT 19:01

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मैं उसके साथ तब भी था
जब कोई नहीं था,

अब मेरे पास कोई नहीं
और वो भी नहीं....

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27 JAN AT 8:05

एक हाथ मे तुम्हारी तस्वीर
दूसरे हाथ मे ज़हर

जिस दिन और सहा न जाएगा
रुखसत ले लेंगे...

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27 JAN AT 8:03

ज़िन्दगी यूं भी तबाह होगी
सोचा न था,

तुम यूं बेवफा निकलोगे
सोचा न था...

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26 JAN AT 15:54

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एक रोज जब सब कुछ शांत हो जाएगा।
जीवन के सारे कोलाहल थम जाएंगे, जब सरहदें न रहेंगी दिलो के बीच, जब सिर्फ मोहब्बत होगी दुनिया मे...
तब, मैं तुमसे मिलने आऊंगा।
और ऐसा न हो, तो समझ लेना की मेरा पता और दुनिया बदल चुकी है....

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31 DEC 2023 AT 21:43

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ये पहली बार है की मुझे साल का हर एक दिन, हर तारीख अच्छे से याद है| क्यूंकि हर दिन एक सदी से भी मुश्किल गुजरा...
सब कुछ बदल गया, पूरा जीवन...
सारे सपने खो गए, मैं खुद भी...
न अतीत रहा, ना वर्तमान है, न भविष्य की संभावना...
ये साल, और हर पल याद रहेगा...

2023, वापस मत आना....😓

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25 NOV 2023 AT 15:13

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जो चमकना चाहते है कुंदन सा,
वो आग में जलना जानते भी है?

राख से उठ खड़े होने के लिए
अंगारों से गुजरना जानते भी है?

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26 OCT 2023 AT 7:51

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मैंने हर कारण ढूँढा
तुम्हारे पास आने का,
तुमसे प्यार करने का....

तुमने हर कारण ढूँढा
मुझसे दूर जाने का
मुझसे नफरत करने का...

लो,
तुम जीत गयी मुझसे...
मगर
अंत में न मैं पास ही आ पाया
न तुम नफरत ही खोज पाओगी,
ये ज़िन्दगी तुम देखना
मेरे बिना हमेशा अधूरी पाओगी...

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25 OCT 2023 AT 9:21

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लोग पूछते है
तुम कोई नशा नहीं करते?

हमने इश्क किया है जनाब
अब हम होश में नहीं रहते....

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21 OCT 2023 AT 10:31

आखिरी डोर
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कई बार सब कुछ ख़त्म हो जाता है| किसी काम में, किसी रिश्ते में, किसी जगह के साथ| मगर, सब कुछ ख़त्म हो जाने के बाद भी, हम आखिरी डोर बांधे रखते है|
हाँ, मुश्किल होता है सारे नाते खत्म करना, मगर जब तक वो आखिरी डोर न टूटे, आप कभी सुकून नहीं पा सकते, आगे नहीं बढ़ सकते...

वो बार बार उन जगहों पर जाना, वो कभी कभी वाला text मेसेज, वो बेकार के झगडे जिनसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला अब| हम वो आखिरी डोर बांधे रखते है....

समझने की बात बस यह है, की जब ज़िन्दगी आगे बढ़ने को कह रही हो, तो सारी शिकायतें, यादें, बातें, दर्द, ख़ुशी छोड़ कर आगे बढ़ जाना चाहिए...

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20 OCT 2023 AT 10:34

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उन्हें झूठे शब्द अच्छे लगे
मेरे जज्बात सच्चे थे,

जितने गीत थे
जितने बोल थे,
सच्चे थे...

जितनी हंसी थी
जितने आसूं थे,

जितनी रात थी
जितने दिन थे
सच्चे थे.....

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