आखिरी डोर
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कई बार सब कुछ ख़त्म हो जाता है| किसी काम में, किसी रिश्ते में, किसी जगह के साथ| मगर, सब कुछ ख़त्म हो जाने के बाद भी, हम आखिरी डोर बांधे रखते है|
हाँ, मुश्किल होता है सारे नाते खत्म करना, मगर जब तक वो आखिरी डोर न टूटे, आप कभी सुकून नहीं पा सकते, आगे नहीं बढ़ सकते...
वो बार बार उन जगहों पर जाना, वो कभी कभी वाला text मेसेज, वो बेकार के झगडे जिनसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला अब| हम वो आखिरी डोर बांधे रखते है....
समझने की बात बस यह है, की जब ज़िन्दगी आगे बढ़ने को कह रही हो, तो सारी शिकायतें, यादें, बातें, दर्द, ख़ुशी छोड़ कर आगे बढ़ जाना चाहिए...
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