प्रेम क्या है ?
प्रेम एक स्त्री का हृदय है, जो बिलकुल कोमल है। उसमें कोई परत नहीं है। एक ही इच्छा से पूरी उम्र गुजार देती है कि उसको भी बदले में थोड़ा सा सम्मान मिले जिसकी वो हकदार है।
स्त्री का सबसे सुंदर रूप माँ का है। इस रूप में औरत पार्वती भी रहती है और काली भी बन जाती है। बच्चों के मोह भी डूबी स्त्री सबसे भोली मूरत है ईश्वर की। ऐसी स्त्री के साथ मनुष्य तो छल कर सकता है लेकिन ईश्वर उस स्त्री के अधीन है जिसनें अपना सब कुछ अपनी औलाद पर नयोछावर कर दिया।
Happy women’s day to you all.
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