Divya Pathak DP   (VaaNi{वाणी})
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मुझे वहीं कहीं ढूँढ़ना तुम,
यहाँ तो मैं, मैं नहीं हूँ!

Insta- @divyapathak_dp
Joined 17 September 2017


मुझे वहीं कहीं ढूँढ़ना तुम,
यहाँ तो मैं, मैं नहीं हूँ!

Insta- @divyapathak_dp
Joined 17 September 2017
22 AUG 2023 AT 11:33

यहाँ रुख़्सार का तिल भी है बेअसर,
अच्छा काम कर रही है बुरी नज़र!!

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20 AUG 2023 AT 1:12

अब तुम नहीं हो तो ज़िन्दगी नहीं लगती ज़िन्दगी,
इक तुम्हारी आड़ में कितना कुछ छुप जाता था!!

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24 JAN 2022 AT 1:04

मैं नहीं अब मेरे बस में, इस तरह मुँह मोड़ा क्यूँ?
बदल चुकी मैं खुद को तुझमें, ये बता दे छोड़ा क्यूँ?

लाख प्रेमी इस जगत में, कितने तेरे पास हैं!
मैं तो इकली तेरी थी मेरे भाग बिछोड़ा क्यूँ?

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25 DEC 2021 AT 12:14

लज्जा आती है मुस्कुराते भी,
किसीकी मृत्यु पर हँस रही हूँ जैसे!!

(अनुशीर्षक)

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3 DEC 2021 AT 0:57

और ज़रा बेहतर लिखने की ख़ातिर
जाने कितनी दफ़ा मैं उनसे होकर गुज़री,
मेरे शौक ने मेरे ज़ख़्म सदा हरे रखे!

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2 DEC 2021 AT 0:05

दे दी गईं निभाने को, तो समझदार हो गए,
अपनी जिम्मेदारियाँ हम खुद कहाँ चुनते हैं!!

टूटते हैं ऐसे, जैसे तोड़े हैं मकड़ी के जाले अभी,
पर अड़ियल हैं हम, फिर भी सपने बुनते हैं!!

खुद की ज़िन्दगी में संभलता नहीं कुछ,
और कहानी के किरदारों में प्रेम बुनते हैं!!

सुबह से शाम हुई, उनको आराम करते नहीं देखा,
रुई-से तो नहीं दिखते, मगर एकदम रुई-सा धुनते हैं!!

चीखो इतना कि शोर पहुँचे उन तक,
पर तुम भी जानते हो, मुर्दे कहाँ सुनते हैं!!

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23 OCT 2021 AT 14:46

महत्तम आवृत्ति की चीख "मौन" है!!

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24 FEB 2021 AT 13:06

अधूरा जीता इंसान नज़र नहीं आता,
अधूरी तस्वीरें तुमको खल जाती हैं!!

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2 DEC 2020 AT 2:44

प्रेम में पड़ी
सबसे अहंकारी लड़की को भी
यह ज्ञात हो जाता है कि
अब वह इस दुनिया का
केन्द्र नहीं है
उसका सम्पूर्ण संसार
रच-बस जाता है
उस लड़के के इर्द-गिर्द,
जिससे वह प्रेम करती है!!

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30 OCT 2020 AT 13:48

एक पेड़ है, बहुत-बहुत पुराना,
अनेक शाखाएं हैं नई-पुरानी,
पहले तो बहुत प्रेम रहता था सब में
फिर जाने क्या हुआ अचानक,
शाखाएं काटने लगी हैं एक दूसरे को,
खुद को बड़ा सिद्ध के लिए,
इनको ख्याल ही नहीं कि
एक ही पेड़ का हिस्सा हैं ये सब,
साथ मिलकर मुक़ाबला किया है
अनगिनत तूफानों का,
और आज ख़िलाफ़ हैं एक दूसरे के,
जाने किसका कहा मान लिया है,
अत्यंत ही भयावह दृश्य है,
सालों से जाने कितने बाहरी शत्रुओं
को परास्त करता ये पेड़,
ये पेड़ अब गिर जाएगा!!

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