हां वो थोड़ी देर तो जायज़ रहेगी,क्योंकि ये सिलसिला खत्म होने से रहा ।। -
हां वो थोड़ी देर तो जायज़ रहेगी,क्योंकि ये सिलसिला खत्म होने से रहा ।।
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हां, इश्क की उम्र बढ़ जाएगीअगर वो और करीब आ गई ।। -
हां, इश्क की उम्र बढ़ जाएगीअगर वो और करीब आ गई ।।
इस ज़िंदगी से दूर जाना था हमेंपर जाने का कोई ठिकाना न था,ठहरते भी तो किसके दिल मेंजब यहां कोई हमारा न था ।। -
इस ज़िंदगी से दूर जाना था हमेंपर जाने का कोई ठिकाना न था,ठहरते भी तो किसके दिल मेंजब यहां कोई हमारा न था ।।
अब ज़िंदगी से हारना मुनासिब नहीं है ;इतनी देर उनके साथ आते रहेतो उन्हें वापिस छोड़ जाना वाजिब नहीं हैं ।। -
अब ज़िंदगी से हारना मुनासिब नहीं है ;इतनी देर उनके साथ आते रहेतो उन्हें वापिस छोड़ जाना वाजिब नहीं हैं ।।
दूरियां तो मंज़िल को भी ना मुनासिब हुई,अब ख़ाबों में तुमसे कौन झगड़ता ? -
दूरियां तो मंज़िल को भी ना मुनासिब हुई,अब ख़ाबों में तुमसे कौन झगड़ता ?
जब बिछड़े हुए अरसा होगयातो लौटने में वक़्त लगना जायज़ हैं ।। -
जब बिछड़े हुए अरसा होगयातो लौटने में वक़्त लगना जायज़ हैं ।।
दिल भले ही शायद गरीब का हैंपर मोहब्बत शहजादी से हुई हैं ।। -
दिल भले ही शायद गरीब का हैंपर मोहब्बत शहजादी से हुई हैं ।।
तुम्हे याद करना -अब सांस लेने जैसा हो गया है,हम चाहकर भी कैसे छोड़े? -
तुम्हे याद करना -अब सांस लेने जैसा हो गया है,हम चाहकर भी कैसे छोड़े?
इतना भी जाज़बाती नहीं था मैंजब तक इन दूरियों का पता न था ।। -
इतना भी जाज़बाती नहीं था मैंजब तक इन दूरियों का पता न था ।।
क्यों उसकी तारीफें सुन्ना चाहते होचाहते हो कि तुम्हे भी उससे इश्क़ हो जाए? -
क्यों उसकी तारीफें सुन्ना चाहते होचाहते हो कि तुम्हे भी उससे इश्क़ हो जाए?