Diksha Lamba   (दीक्षा❤️)
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Glowing and Growing
Joined 25 January 2017


Glowing and Growing
Joined 25 January 2017
4 FEB AT 17:32

रातों की तन्हाई, ये ग़ज़ल सुनाती है,
"मुझमें, मैं ना रहा" सच्चाई बताती है।

ख्वाबों भरी दुनिया, है ग़ज़ल की बाहों में,
दर्द और इश्क़ एक मेला, यही कहानी सुनाती है।

आँधी सी बढ़ती, इन शब्दों की आवाज़,
"मुझमें, मैं ना रहा" दिल की कहानी कहती है।

ग़ज़ल की राहों में, छुपा हुआ एक सवाल,
"क्यों बिखरा हुआ हूँ?" यही रहस्य सुलझाती है।

इस ग़ज़ल की धूप, हर दर्द को चूमती है,
"मुझमें, मैं ना रहा" मोहब्बत की दास्तान बताती है।

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27 JAN AT 2:07

मैं ही हूँ अपनी ज़िंदगी की कलम,
लिख दूँगी, हर लम्हे की महकती कहानी।

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20 JAN AT 12:21

अच्छा नहीं लगता, पर दिल को भाता है,
ये दर्द छुपा रहता, हर पल सताता है।

क्यों नहीं समझते, मेरी बेबसी को तुम,
इस इश्क में जलता, हर दर्द मिटाता है।

रातें लम्बी होती, बितती नहीं जाती,
तेरे बिना जीना, दिल को बहुत दुखाता है।

रोज़ मुलाकातें हैं, पर बातें अधूरी हैं,
एक अलग दर्द, जो दिल को तड़पाता है।

तुझसे मोहब्बत है, पर कहने में डर लगता है,
कहानी एक ख्वाब की, जो हर पल रुलाता है।

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1 JAN AT 14:42

आईना हर रात मेरी आँखों का साक्षी बन जाता है,
खुद से सोचता हूँ, क्या वक्त ये रुक जाता है।

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30 DEC 2023 AT 23:47

रात की गहराईयों में छुपा है एक ख्वाब,
चाँदनी से सजे हैं सपने, सितारों की बातें खास।

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29 JAN 2017 AT 22:55

The strings connecting our heart were so weak that they broke because of a sudden jerk... :)

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21 AUG 2020 AT 9:51

चाय का यह आखिरी घूँट और ज़हन में वो आखिरी याद, जिसमे जा रहे तुम मुझसे दूर। इस बात से हम दोनों ही अंजान कि कुछ चीज़ें अब बदल जाएंगी।
(See in caption)

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1 MAY 2020 AT 11:42

...I was happy but suddenly I started crying as if this was the one last time I will see you. Yes, it was...
(See the caption, for full piece)

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19 NOV 2019 AT 23:29

अंजान है यह आँखें नींदों से, बेबसी आंसुओं की है
गलतियाँ दिल करे और भरपाई रातें कर रही है।

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1 SEP 2019 AT 20:25

मोहब्बतों की नींद पर, हवस की चाद्दर ओढ़ी है।
इश्क़ तो बेबाक है जनाब, बस जिस्मों का ही लगाव है॥

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