ये वक्त नही तकदीर का खेल है,दूर भी उसी को किया जिससे दिल का एक अनोखा मेल है। - दिक्षा बावा
ये वक्त नही तकदीर का खेल है,दूर भी उसी को किया जिससे दिल का एक अनोखा मेल है।
- दिक्षा बावा