23 JAN 2020 AT 21:22

देर रात सिसकियों ने झकझोड़ दिया मुझे
गहन सन्नाटे में कुछ सूझ नहीं पा रहा था
गालों पे आंसुओं का रेला सा लगा था
मगर दर्द का लेषमात्र भी एहसास ना था।
कल से अभी तक असमंजस में हूँ
क्या वाकई में वो मैं ही था!!!!!!!

- Dhiraj