Dharmendra Kumar Dwivedi  
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Joined 11 April 2018


Joined 11 April 2018
4 NOV 2020 AT 15:37

वो करवाचौथ भी मेरे नाम से रह जाती है
उसे पता है उसके अलावा मैं किसी का नहीं हूँ।

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19 OCT 2020 AT 17:16

कितनी नाकामयाबी, कितनी निराशाएँ कितने मलाल सम्हाला है
इस दिल ने अपने अंदर कितने तूफान सम्हाला है
टूट टूट के बिखर जाते थे ख्वाब सारे
भीगे हुए थे आसुओ से जज्बात सारे
बिखरे हुए टुकडों को हर रात सम्हाल है
इस दिल ने अपने अंदर कितने तूफान सम्हाला है।

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17 OCT 2020 AT 22:59

पता है हमें, हाल फिलहाल कुछ नहीं होगा
धड़कनों के अलावा सवाल कुछ नहीं होगा
यकीन करके हम पे हाल ए दिल कहना
अब दिल को बहलाने से कुछ नहीं होगा।

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13 OCT 2020 AT 12:47

इजाजत हो तो फिर आंखों से आंखे चार करते हैं
चलो एक दूसरे से फिर से इतना प्यार करते हैं।

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17 SEP 2020 AT 4:24

हार कर एक दिन लौट तुम्हारे पास आऊँगा
मुझे पता था, तुम्हे भी पता था ना
मेरे सपनों की दुनिया में रंग सारे तुम्ही से थे
तुम्हारे बिन बेवजह रह जाऊंगा, तुम्हे पता था ना।

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23 AUG 2020 AT 9:48

आंखों को बीच बीच में आता रहा नजर
सपनों की जमीन में हकीकत का शहर।

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21 AUG 2020 AT 18:51

.... इश्क़ हाँ हवाओँ से होने लगा था पर
परिंदो ने हवाओँ से अपना हक जताया फिर
हुआ अहसास कुछ गहरा, जरा सा डर गया था मैं
किसी को खो के जैसे आज तन्हा रह गया था मैं
फिर खिड़की से न जाने कब हवाएं चली आईं
न जाने सो गया मैं कब, हवाओँ से लिपट करके।

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9 AUG 2020 AT 11:40

पलट कर जब भी आएंगी सदाएं, याद रखना
किसी नें फिर से तुमको याद कर आवाज दी है।

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4 AUG 2020 AT 0:38

The phone with scratches I have, same as my life...

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29 JUL 2020 AT 23:35

इश्क़ की सारी गर्माहट, बारिशें ले कर
चली आई है मेरे घर, सारी राहतें ले कर
मनमर्ज़ियों से भरी मासूम सरारत
ख्वाब आसमानी, सतरंगी ख्वाहिशें ले कर
हवा के साथ बूंदों का कभी चेहरे पे आना
किसी के संग किसी दिन पूरा भीग जाना
धुला सा दिन है, सामे हैं, और रातें धुली हैं
धुले से मन से मोहब्बत का सुरीला गीत गाना
हाँ ये बारिश सिखाये जा रही है जाने क्या क्या
हँसना मुस्कुराना या किसी से रूठ जाना
बहुत गुजरे हुए सालो के ये बाद आई है
छुपा रक्खे थे जो सारे वो सौगात ले कर।

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