समंदर पार का सफीना,और वक़्त बदल जाता हैये तो फिर भी इंसान है,जो अपना रंग बदल देता हैयही कारीगरी है,ईमान की यहाँअपना फायदा देखा नहीं,कि ये अपना रास्ता भटक जाता है©Devika parekh2017 - तरपल
समंदर पार का सफीना,और वक़्त बदल जाता हैये तो फिर भी इंसान है,जो अपना रंग बदल देता हैयही कारीगरी है,ईमान की यहाँअपना फायदा देखा नहीं,कि ये अपना रास्ता भटक जाता है©Devika parekh2017
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