नया वक़्त नहीं,नया ज़माना साथ लायी हुँछोड़ दे ये आंसुओ का सफर,खुशियों का किनारा साथ लायी हुँऐसा भी क्या गम इस ज़माने मेंतेरे गमों को जो,तब्दील कर दे मुस्कान में,ऐसी मैं कुर्बत साथ लायी हुँ©Devika parekh - तरपल
नया वक़्त नहीं,नया ज़माना साथ लायी हुँछोड़ दे ये आंसुओ का सफर,खुशियों का किनारा साथ लायी हुँऐसा भी क्या गम इस ज़माने मेंतेरे गमों को जो,तब्दील कर दे मुस्कान में,ऐसी मैं कुर्बत साथ लायी हुँ©Devika parekh
- तरपल