18 JUN 2018 AT 14:30

नया वक़्त नहीं,
नया ज़माना साथ लायी हुँ
छोड़ दे ये आंसुओ का सफर,
खुशियों का किनारा साथ लायी हुँ
ऐसा भी क्या गम इस ज़माने में
तेरे गमों को जो,
तब्दील कर दे मुस्कान में,
ऐसी मैं कुर्बत साथ लायी हुँ

©Devika parekh

- तरपल