किसी की बदौलत कोई नहीं जीता यहाँ,सब अपने-अपने हिस्से की तन्हाईयाँ ऊपर से लिखवा कर आते हैं©Devika parekh - तरपल
किसी की बदौलत कोई नहीं जीता यहाँ,सब अपने-अपने हिस्से की तन्हाईयाँ ऊपर से लिखवा कर आते हैं©Devika parekh
- तरपल