12 FEB 2018 AT 14:15

कहते है वो,
मेरे अल्फ़ाज़ सवरने लगे है
कैसे बतायें उन्हें,
कि उनकी छुअन से ही ये निखरने लगे है
दबा के रखा था एक उम्र जिसे इन खामोशियों में,
वही आज एहसास बनकर,
इन कागज़ों में बोलने लगे है

©Devika parekh2017

- तरपल