कहते है वो,मेरे अल्फ़ाज़ सवरने लगे हैकैसे बतायें उन्हें,कि उनकी छुअन से ही ये निखरने लगे हैदबा के रखा था एक उम्र जिसे इन खामोशियों में,वही आज एहसास बनकर,इन कागज़ों में बोलने लगे है©Devika parekh2017 - तरपल
कहते है वो,मेरे अल्फ़ाज़ सवरने लगे हैकैसे बतायें उन्हें,कि उनकी छुअन से ही ये निखरने लगे हैदबा के रखा था एक उम्र जिसे इन खामोशियों में,वही आज एहसास बनकर,इन कागज़ों में बोलने लगे है©Devika parekh2017
- तरपल