दूरियाँ तुझसे,मेरे पराये होने का एहसास कराती हैंजो लिखा नहीं इन लकीरों में,उसे और पाने की तलब जगाती हैं,थी तो ख्वाहिश तेरे संग ज़िन्दगी गुज़ारने की,पर आज ये आँखे सिर्फ, तेरी एक झलक के लिए तड़प जाती हैं©Devika parekh - तरपल
दूरियाँ तुझसे,मेरे पराये होने का एहसास कराती हैंजो लिखा नहीं इन लकीरों में,उसे और पाने की तलब जगाती हैं,थी तो ख्वाहिश तेरे संग ज़िन्दगी गुज़ारने की,पर आज ये आँखे सिर्फ, तेरी एक झलक के लिए तड़प जाती हैं©Devika parekh
- तरपल