13 SEP 2017 AT 13:29

दूरियाँ तुझसे,
मेरे पराये होने का एहसास कराती हैं
जो लिखा नहीं इन लकीरों में,
उसे और पाने की तलब जगाती हैं,
थी तो ख्वाहिश तेरे संग ज़िन्दगी गुज़ारने की,
पर आज ये आँखे सिर्फ,
तेरी एक झलक के लिए तड़प जाती हैं

©Devika parekh

- तरपल