आसमान बयाँ करने के लिए अल्फ़ाज़ नहीं,
इसलिए तेरा नाम लिख देती हूँ,
कहीं धुंधली ना पड़ जाए तस्वीर तेरी
इसलिए इन आँखों को वीरान रख देती हूँ
सुना है ,
एक बार खुदा भी सारी ख़्वाहिशें पूरी कर देता है,
इसलिए अक्सर दुआओं में,
सिर्फ तेरा नाम ले लेती हूँ
©Devika parekh
- तरपल