>>> हर सुबह खूब हो तो ये रात बुरा मान जाएँगी ,आख़िर रातें ही तो हैं जो ख़ुद से तसव्वुर करातीं है वरना सुबह होते ही इंसान अपने कल से बेवफ़ा हो जाता है……
>>> लौट आया हूं मैं हकीकत से होकर फिर उन्ही रातों में जिन रातों में तुझे हकीकत बनाना चाहता था, बस फर्क सिर्फ इतना है पहले तेरे संग ज़िन्दगी सपना थी अब मैं खुद की ज़िन्दगी को एक हकीकत बनाना चाहता हूं......
>>> Either Hindus are awaking now a days Or just possessed by the politicians and activists and blindly following them as their Ideals.... Because you are boycotting the problems of society maybe not the trash but what about solutions????
>>> हकीकत ना सही तु मेरी एक रात का ख्बाब बन जा। तेरे दिल में ना जगहा सही मेरी, पर छुपे हैं जो मेरे दिल में जज़्बात उनका तु एक साज बन जा।। वो हों ना सकेंगे शायद हमसफ़र हमारे, मेरी मोहब्बत तु अब एक राज बन जा।।।।