गलत हैं वो जो कहते हैं खामोशी आपके अकेलेपन का नतीजा है, खामोशी से ज्यादा विशुद्ध कुछ नहीं, खामोशी से बेहतर आपको कोई नहीं जानता, खामोशी से ज्यादा कोई सच्चा नहीं, अपनी खामोशी में आप "आप में" होते हैं, कोई आवरण नहीं।
माँ आपके बिना जीवन में कोई आदर्श नहीं हो सकता, ना जाने कैसे आप लोग घर की चार दीवारों में रह कर भी हमे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण नीयम सिखा देती हैं, हमें दुनिया की चालाकियों से बचा लेती हैं और अपने पे इतना भरोसा दिला देती हैं कि आप हम बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती हैं। वैसे तो आपके लिए प्यार और सम्मान किसी दिन का मोहताज नहीं है लेकिन एक दिन ज़रूर है जिसमे हम लोग दिखाते हैं कि आप हमारे लिए क्या हैं।