5 JUL 2017 AT 21:55

आसान हो गया खुद को संभालना
मेरे आंसुओं को बरसात का सहारा मिल गया
घुट-2 कर दम तोड़ रहे थे अश्क चश्म में मेरी
मैं बेचारा डूबा आँसू न डूबने दूंगा अब
चल इन्हें कोई अपना किनारा मिल गया

- dev gangwar(nd)