कागजी धरातल को कलम की स्याही से सींचते हैं.. शब्दों के बीज बोते हैं और कविता उगाते हैं.. - दीप्ति गोयल🔥"लौ"🔥
कागजी धरातल को कलम की स्याही से सींचते हैं.. शब्दों के बीज बोते हैं और कविता उगाते हैं..
- दीप्ति गोयल🔥"लौ"🔥