Deepti Goel   (दीप्ति गोयल🔥"लौ"🔥)
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Joined 14 November 2017


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Joined 14 November 2017
24 OCT 2023 AT 19:56

एक व्यक्ति जो गरीब नहीं है,
जीवनपर्यंत अभ्यास करता‌ है
गरीब रहने का,
ताकि भविष्य में
वह कभी गरीब न हो।

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4 JUL 2023 AT 23:00

एक पक्षी उड़ता है जब
चोटिल पंखों के संग,

उसे करना पड़ता है परिश्रम
औरों की अपेक्षा अधिक,

उसे अपना लक्ष्य पाने में
समय लगता है
औरों की अपेक्षा अधिक,

वह सामर्थ्य भी लगा देता है
औरों की अपेक्षा अधिक।

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20 FEB 2023 AT 19:32

हो कोई तो आग ऐसी जो इस सीने को राख कर दे,
उठे ऊॅंचाइयों पर 'लौ' कि ख़ुदा पहले खाक कर दे।

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17 AUG 2022 AT 18:19

मैंने चाहा हमेशा कि मुझे बेदख़ल कर दिया जाए।
मिरी बस एक इस जिद को मुकम्मल कर दिया जाए।


चाहे कभी कोई मुझे याद रखे फिर या न रखे,
घराने की तस्वीर में मुझे शामिल कर दिया जाए।


मैंने पूरा न किया हो किसी की भी ख्वाहिश को अगर,
तो मिरी चाहतों का भी कत्ल कर दिया जाए।


मैंने मॉंगा है ख़ुदा से जो हर दफा इस ज़िंदगी में,
चाहे तो उसे अगली उम्र के लिए अद्ल कर दिया जाए।


चरागॉं की "लौ" जो जलती है मिरे ऑंगन में हर सूरत में,
मैं न रहूॅं जिस दिन, उसको भी सजल कर दिया जाए।

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9 AUG 2022 AT 21:49

हठी बनना
स्वाभाविक तौर पर
बाल्यावस्था का गुण है;
किंतु..
व्यक्ति चाहता है
सदैव हठी बने रहना
किसी एक व्यक्ति के समक्ष,
ताकि उसमें जीवंत रह सके
शिशु जैसा स्वभाव;
किंतु..
कभी उत्तरदायित्व का भार
कभी बुद्धिमत्ता की अपेक्षा
छीन लेती है व्यक्ति का स्वप्न
सदैव शिशु बनने का।

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16 JUL 2022 AT 21:24

एक व्यक्ति की सफलता में
आलोचकों की भी उतनी‌‌ ही
बड़ी भूमिका होती है,
जितनी की सहयोगियों की।

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16 JUL 2022 AT 21:22

एक व्यक्ति की सफलता में
आलोचकों की भी उतनी‌‌ ही
बड़ी भूमिका होती है,
जितनी की सहयोगियों की।

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2 JUL 2022 AT 0:50

साल दर साल

कुछ लोग छूट जाते हैं,

कुछ नये मिल जाते हैं,

कुछ ही हैं वे शख़्स

जो हैं सदा से सदा के लिए।

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9 JUN 2022 AT 10:26

Perseverance is the most important pillar in the completion of any goal.


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19 MAY 2022 AT 20:04

प्रेम में होकर भी
तुम उन्मुक्त नहीं..
हर क्षण व्यथित हो,
चिंतामुक्त नहीं..
माने, प्रेम को तुम
जी ही पाए नहीं।

प्रेम में होकर भी
वाणी मधुर नहीं..
जीवन के इस चक्र में
तुम यथा स्थिर नहीं..
माने, प्रेम को तुम
जी ही पाए नहीं।

प्रेम में होकर भी
तुम शांत नहीं..
एकला होकर भी
तुममें एकांत नहीं..
माने, प्रेम को तुम
जी ही पाए नहीं।

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