Deepanshu Nisha Agrawal   (DN Writings)
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Joined 10 July 2017


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Joined 10 July 2017

की ज़ख्म तो भर गया मगर हादसे भुलाये नहीं जा रहे मुझसे।
मैं क्यों इतना टूट गया हूँ के मेरे हालात संभाले नहीं जा रहे मुझसे।।

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18 DEC 2022 AT 13:13

शहर के सन्नाटों में भी अब चहल पहल रहने लगी है। लगता है घोंसलों से उड़े पंछी अब घर लौट रहें हैं।।

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20 JUL 2022 AT 21:11

सितारों के आगे एक जहां और भी है।
अभी इश्क के इम्तिहानों में एक इम्तिहान और भी है।।

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8 JUL 2022 AT 0:43

करता होगा हमसे भी कोई खामोश मोहब्बत।
हम भी उसका हाथ थामने को बेकरार हैं।

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15 JUN 2022 AT 0:26

पैमानों से किनारा कर लिया अब हमने।
जामों से अब दिल लगी नही रही।।

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12 JUN 2022 AT 14:22

बेखुदी की महफिल में क्या जाना।
जहां कोई अपना नहीं वहां क्या दिल लगाना।।

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8 MAY 2022 AT 23:10

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए।
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।।

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4 MAY 2022 AT 17:07

गलतियां हमारी सारी माफ किया करो।
रूठने से अच्छा है डांट लिया करो।।

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30 APR 2022 AT 22:13

किसी से दूरियां बनाई, किसी के पास रहे।
हजार कोशिशें कर ली, फिर भी उदास रहे।।

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30 APR 2022 AT 11:06

तुम मिले तो ठीक वरना अकेले रहेंगे हम।
क्योंकि हमे इश्क का शौक है आवारगी का नहीं।।

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