इस उपवन के फूल को जिंदगी मैंने दी है थोड़े काँटे क्या आ गये मुझे ही मौत का खौफ दिखाते है अजीब सी फिदरत है इस जहाँ की जिसने बचपन में चलना सिखाया उसे ही जवानी में अकेला कर दिया है -
इस उपवन के फूल को जिंदगी मैंने दी है थोड़े काँटे क्या आ गये मुझे ही मौत का खौफ दिखाते है अजीब सी फिदरत है इस जहाँ की जिसने बचपन में चलना सिखाया उसे ही जवानी में अकेला कर दिया है
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