Ishq kya hai
Mohabbat hai
Ya saza hai-
Ishq ne hme pagal bana diya
....
Deepak
मैं जो पहुंचाता हूँ
खत वो तुम तक नही जाते.
कुछ-कुछ शक़ होने लगा है मुझे तुम्हारी सहेली पर..!
-
आदमी के लिए रोना बड़ी बात है '
हँस तो सकते हैं सब इंसान, हँसी में क्या है...-
कभी दिमाग़ कभी दिल कभी नज़र में रहो
ये सब तुम्हारे ही घर हैं किसी भी घर में रहो
-
“मैं घर में एक कमरा रखूँगा...,
दूँगा नाम तेरा और उसे तन्हा रखूँगा।”-