अब आपकी तारीफ़ में हम क्या अर्ज़ करें,मुँह से कुछ निकल पाए तब जाकर तो ज़िक्र करें। -
अब आपकी तारीफ़ में हम क्या अर्ज़ करें,मुँह से कुछ निकल पाए तब जाकर तो ज़िक्र करें।
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क़िताब उठायी थीं हमनें हाथों में की उनकी तारीफ़ में कुछ अल्फ़ाज़ पढेंगे, कम्बख़त हमें क्या पता था कि उनकी खूबसूरती देख ये अक्षर ही धुंधले पड़ जाएंगे।। -
क़िताब उठायी थीं हमनें हाथों में की उनकी तारीफ़ में कुछ अल्फ़ाज़ पढेंगे, कम्बख़त हमें क्या पता था कि उनकी खूबसूरती देख ये अक्षर ही धुंधले पड़ जाएंगे।।
कोई अगर मुफ़्त में दे तो भी मत लेना,देखना दिल अभी और सस्ते होंगे। -
कोई अगर मुफ़्त में दे तो भी मत लेना,देखना दिल अभी और सस्ते होंगे।
अब क्या बताऊँ,सरे आम ठोकर मारा गया मुझकोमैं तो अधूरा आशिक़ था,फिर भी मुक़म्मल कहा गया मुझको। -
अब क्या बताऊँ,सरे आम ठोकर मारा गया मुझकोमैं तो अधूरा आशिक़ था,फिर भी मुक़म्मल कहा गया मुझको।
पक्षियों से आशिक़ी सही नही "चंदेल",आशियाना बदलना उनकी फ़ितरत में होता हैं।। -
पक्षियों से आशिक़ी सही नही "चंदेल",आशियाना बदलना उनकी फ़ितरत में होता हैं।।
मिज़ाज तो मुस्कुराने वाला पुराना है मेरा,कभी तन्हाईयों का हिसाब करना हो तो फ़ुरसत से आइएगा..! -
मिज़ाज तो मुस्कुराने वाला पुराना है मेरा,कभी तन्हाईयों का हिसाब करना हो तो फ़ुरसत से आइएगा..!
उसे पैरों में पायल पहनना पसंद नहीं थीं,पर उसका वो काला धागा शोर बहुत करता था। -
उसे पैरों में पायल पहनना पसंद नहीं थीं,पर उसका वो काला धागा शोर बहुत करता था।
लोग समझतें हैं कि मैंने उसे भुला दिया हैं,अब उन्हें कौन समझाये की वो अभी भी मेरे Passwords में मेरे साथ हैं। -
लोग समझतें हैं कि मैंने उसे भुला दिया हैं,अब उन्हें कौन समझाये की वो अभी भी मेरे Passwords में मेरे साथ हैं।
अरे मैं तो ठोकर भी उसी पत्थर से खाना चाहता हूँ जो आपने सड़क पर फेंका हो,और आप पूछते हो कि कितना प्यार करते हो..? -
अरे मैं तो ठोकर भी उसी पत्थर से खाना चाहता हूँ जो आपने सड़क पर फेंका हो,और आप पूछते हो कि कितना प्यार करते हो..?
किसी के हिस्से का प्यार अब तक बचा कर रखा है मैंने,देखना जिससे भी करूँगा बेशुमार करूँगा।। -
किसी के हिस्से का प्यार अब तक बचा कर रखा है मैंने,देखना जिससे भी करूँगा बेशुमार करूँगा।।