22 MAR 2018 AT 1:45

लाखों की भीड़ में तन्हा चांद भी लोगों की नजर में जुल्मी बन गया,
वो कहते हैं उसे सूरत पर गुरुर है ,
हमें उसके तन्हाई और कुर्बानियों का अहसास हो गया,
इश्क को कब से बेताब है बेचारा ,
लाखों टूटे तारों की गवाही बन गया,
छुपा लेता है वो भी गम को परदा करके,
बड़े सलीके से कभी आधा कभी पूरा हो गया ॥

- @दीपक बिष्ट