20 MAY 2018 AT 15:41

दिल लगा के दिल तोड़ने की रिवायत है जहाँ ।

टुकडों में लेकर दिल अपना मैं रहता हूँ वहां ।

तेरी मोहोब्बत के दोजख़ में फ़ना हुआ ,

नहीं तो एक आंसू भी आँखों से बहता था कहाँ ।

दिल लगा के दिल तोड़ने की रिवायत है जहाँ ।


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