1 JUL 2017 AT 8:51

कलम गुमनाम हुई है
ये शाम अभी ढली नहीं
लड़तेे हैं लफ़्ज़ आज भी दिन के उजाले में
मगर रात के अंधेरे में खामोशी का चादर ओढ़ लेते है
ओढ़ कर चुप्पी का आँचल, ख़ुद तो चैन की नींद सो जाते है
मगर सारी रात हमें जगाये रखते है उनकी देख भाल के लिए

- An Orderly Mess ♥️