Deeksha Negi   (Deeksha negi)
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Joined 27 February 2017


Joined 27 February 2017
23 DEC 2021 AT 21:35

हम साथ साथ चल रहे थे
एक सुनसान रास्ते पर

मैं कुछ जल्दी में थी
और वो मज़े लेते हुए चल रहा था

चलते चलते न जाने कहां
वो पीछे छूट गया
और मैंने भी फिरकभी
पीछे मुड़कर देखना ठीक नहीं समझा।

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23 DEC 2021 AT 0:45

अंधेरी रात थी,
अंगीठी में आग जल रही थी
दादी कहानी सुना रही थी
और दादाजी मेरे ठंडे हाथ मल रहे थे।

दिल में सुकून था
और मन में सम्पूर्ण शान्ति

वो कहानी पूरी भी नहीं हुई थी
और एक तेज़ आवाज़ हुई
और मेरी नींद खुल गई।

और असलियत इतनी भयानक है कि
ऐसा लग रहा है कि
काश इस सपने के बाद आंखे खुलती ही नहीं कभी।

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21 DEC 2021 AT 0:34

भाती होगी लोगों को सुबह की रोशनी,
हमें तो रातों के अंधेरों में सुकून मिलता है ।

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21 DEC 2021 AT 0:21

Shayad sab kismat ka hi khel hai!

Vrna jo pyar ki ehmiyat samjhte hi nhi,
Unhe yuhi sachha pyar mil jata h.

Aur jo smjhte hain,
Unke hisse m ata h
Tuta hua dil. 💔

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20 DEC 2021 AT 21:50

वो कहां हैं दूर मुझसे;

असल में भले वो अब दिखती नहीं आसपास,
पर आज भी रोज़ मेरे सपनो में,
उतने ही प्यार से मुझे गले लगाती हैं।

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15 DEC 2021 AT 23:34

वो प्यार ही क्या जो दर्द न दे
अक्सर सुना होगा

पर जो इतना दर्द दे
क्या वो प्यार है भी?

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13 DEC 2021 AT 12:05

एक बहाना चाहिए होता है खोए हुए अपनों को
मेहसूस कर पाने का,
किसी के मर जाने के बाद लोग
बस यूंही उन्हें तारों में नहीं ढूंढा करते।

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3 NOV 2021 AT 21:22

पर उस पुरानी बात की यादें नहीं ।

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3 NOV 2021 AT 21:12

Sometimes I wonder
If people too feel hurt after they hurt me
To the extent I hurt myself
After hurting them...

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27 SEP 2021 AT 8:16

कभी रात के सन्नाटे में
तो कभी उजले सवेरे के शोर में

खो जाते हैं मुझसे वो कहीं
और फिर मिलते हैं मुझे
मेरे पलकों के छोर में।

कभी राहों में यूं ही
मैं तारों में ढूंढती रहती हूं
तो कभी महसूस करती हूं
कि वो पास ही हैं।

पर सच तो ये है कि
वो हैं न जाने दूर कहीं
जहां मेरा आना अभी खुदा को
मंज़ूर नहीं।

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