6 JAN 2018 AT 8:41

अब मज़हब का खेल कहो या दिल में कोई चोर ,
सियासत तो यूँही बदनाम है जनाब ।
अगर दिल तुम्हारा उतना ही साफ़ होता,
तो ये बात-बात पे फ़तवे न जारी होते ।

- © Deeksha Mishra