22 FEB 2018 AT 23:05

सवेरे भी उनके थे रातों की तरह .....
वह भी कहीं खो गए यादों की तरह....
अदालत भी उनकी थी मुकदमों की तरह ......
उन्होंने हमें छोड़ा एक सदमे की तरह ......
मैं चाहती रही उन्हें बरसात की तरह.....
उन्होंने मुझे छोड़ा एक ख्वाब की तरह......

- 🖋️SahityaGrapher✒️