अब इतने बुरे भी हो जाये तो गम नहीं सादगी तो तुम्हे पसंद नहीं वो बात जो पहले थी वो अब नहीं अब तो अपने ही घर के रास्ते अन्जान लगते है जो फूल तेरी याद में खिलते थे वो अब बेजान लगते है वाे बात जो पहले थी वो अब नहीं - Pundir ji
अब इतने बुरे भी हो जाये तो गम नहीं सादगी तो तुम्हे पसंद नहीं वो बात जो पहले थी वो अब नहीं अब तो अपने ही घर के रास्ते अन्जान लगते है जो फूल तेरी याद में खिलते थे वो अब बेजान लगते है वाे बात जो पहले थी वो अब नहीं
- Pundir ji