नटखट, अचरज श्याम बाँवरां करें हँसी ठिठौली
सूरमयी अंखियाँ नयन कारे खेले आँख मिचौली
पनघट पर जमना के तट पर बजावें बंसी सुरीली
बात बनाएँ काम निकारे बोले तोतली सी बोली
सुबह साँझ माखन की रट ले चले ब्रज टोली
रास रचाएँ गोपियों संग खेले बिरज में होली
तेरे रंग में रंग ली सुध_बुध मेंने खोली
अापन का ख्याल ना अब में तो तेरी हौ ली
- Cool_same