माना कि तुझको मोहब्बत नहीं है मुझसेपर मेरी मोहब्बत की कुछ तो कद्र करजितनी शिद्दत से ठुकराते हो तुम मेरा प्यारथोड़ी रहमत कर, कभी मोहब्बत भी तो कर -
माना कि तुझको मोहब्बत नहीं है मुझसेपर मेरी मोहब्बत की कुछ तो कद्र करजितनी शिद्दत से ठुकराते हो तुम मेरा प्यारथोड़ी रहमत कर, कभी मोहब्बत भी तो कर
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सारी दुनिया को बताना पड़ता है कि वो कोई नहीं है मेरीबेहद़ नफरत करता हूं मैं उससे कि वो मोहब्बत है मेरी -
सारी दुनिया को बताना पड़ता है कि वो कोई नहीं है मेरीबेहद़ नफरत करता हूं मैं उससे कि वो मोहब्बत है मेरी
अब बातें ज्यादा करना बिल्कुल पसंद नहीं मुझकोपर तुम्हारी हर सवाल का जवाब मैं देता रहता हूँवैसे तो लोग कई रहते हैं इस शहर में मेरी पहचान केतुम्हारे सिवा किसी और से मिलने को मैं जाता नहीं हूँ -
अब बातें ज्यादा करना बिल्कुल पसंद नहीं मुझकोपर तुम्हारी हर सवाल का जवाब मैं देता रहता हूँवैसे तो लोग कई रहते हैं इस शहर में मेरी पहचान केतुम्हारे सिवा किसी और से मिलने को मैं जाता नहीं हूँ
कमियाँ सबकी खोजा करते हैंजीने का सलीका उनको आता नहींहर वक्त सबको रोका करते हैंखुद आगे जाना उनको आता नहीं -
कमियाँ सबकी खोजा करते हैंजीने का सलीका उनको आता नहींहर वक्त सबको रोका करते हैंखुद आगे जाना उनको आता नहीं
जो गलतफहमियाँ थी वो अब दूर हो रही हैनफरतें भी अब सच्चाई के आगे मजबूर हो रही हैबड़ा फक्र होता था मुझको अपनी वफादारी परपर अब वफादारी भी उनके लिए दूर हो रही है -
जो गलतफहमियाँ थी वो अब दूर हो रही हैनफरतें भी अब सच्चाई के आगे मजबूर हो रही हैबड़ा फक्र होता था मुझको अपनी वफादारी परपर अब वफादारी भी उनके लिए दूर हो रही है
आंखें बेहिसाब बातें करती हैइनको पढ़ना आसान नहींजज्बातें अक्सर चीखा करती हैइसको सुनना आसान नहीं -
आंखें बेहिसाब बातें करती हैइनको पढ़ना आसान नहींजज्बातें अक्सर चीखा करती हैइसको सुनना आसान नहीं
तुम्हें क्या पता कि मेरे लिए क्या हो तुममेरी कहानी में मुझसे बड़ा किरदार हो तुम -
तुम्हें क्या पता कि मेरे लिए क्या हो तुममेरी कहानी में मुझसे बड़ा किरदार हो तुम
सुनना चाहते हैं बहुत कुछ वो जुबानों से मेरेकहना चाहता हूं बहुत कुछ मैं निगाहों से मेरेसमझते हैं नहीं वो निगाहों के लफ्जों को कभीऔर जुबान से बोल पाना मुझको आता है नहीं -
सुनना चाहते हैं बहुत कुछ वो जुबानों से मेरेकहना चाहता हूं बहुत कुछ मैं निगाहों से मेरेसमझते हैं नहीं वो निगाहों के लफ्जों को कभीऔर जुबान से बोल पाना मुझको आता है नहीं
यूं तो बरसात पसंद नहीं थी मुझकोफिर उसको भीगता हुआ देख लियाचाय का शौक पहले नहीं था मुझकोफिर उसने चाय पीने बुला लिया -
यूं तो बरसात पसंद नहीं थी मुझकोफिर उसको भीगता हुआ देख लियाचाय का शौक पहले नहीं था मुझकोफिर उसने चाय पीने बुला लिया
मुझसे न पूछना कभी मेरा हालमुझसे झूठ अब बोला नहीं जातामैं तो बता दूंगा तुमको मेरा हालतुम को उसके बाद समझ नहीं आता -
मुझसे न पूछना कभी मेरा हालमुझसे झूठ अब बोला नहीं जातामैं तो बता दूंगा तुमको मेरा हालतुम को उसके बाद समझ नहीं आता