19 APR 2018 AT 20:26

चौखट पर बैठी है शाम,
हर रोज़ अब पीता हूँ एक जाम,
कुछ ऐसा हो की भूल सकूँ तेरा नाम,
और फिर रात को सुकून से करूँ आराम...!!!

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