चौखट पर बैठी है शाम,हर रोज़ अब पीता हूँ एक जाम,कुछ ऐसा हो की भूल सकूँ तेरा नाम,और फिर रात को सुकून से करूँ आराम...!!! -
चौखट पर बैठी है शाम,हर रोज़ अब पीता हूँ एक जाम,कुछ ऐसा हो की भूल सकूँ तेरा नाम,और फिर रात को सुकून से करूँ आराम...!!!
-