मोहब्बत तो तेरे बस की नही संगदिल तू हमसे नफरत कर देकभी तुनें मेरी तारीफ़ ना जानी तो अब कुछ ग़ीबत ही कर दे - 【दोस्त C.L】
मोहब्बत तो तेरे बस की नही संगदिल तू हमसे नफरत कर देकभी तुनें मेरी तारीफ़ ना जानी तो अब कुछ ग़ीबत ही कर दे
- 【दोस्त C.L】