गम का खज़ाना मेरा ही रहा
तेरा ग़म तो मैंने चुरा लिया..
आँखों में समंदर मेरे ही रहा
तेरा हर आँसू मैंने पी लिया..
राहों में अँधेरा वो मेरे ही रहा
तेरा साया मैंने रोशन किया..
दिल का ये रोग मेरा ही रहा
तेरे ज़ख्म का मरहम किया..
उदास सा लम्हा मेरा ही रहा
तेरा वक़्त तो मैंने बना दिया..
ये अकेलापन मेरा ही रहा
तेरा साथ हमेशा निभा दिया..
- 'जोयस्ती'