वो आखिर मजबूरियां ही रही होंगी तुम्हारे यहां ठहरने की,वरना, इस गली के आख़री मकान से तो परिंदों ने भी कब का किनारा कर लिया है!! - ViWa
वो आखिर मजबूरियां ही रही होंगी तुम्हारे यहां ठहरने की,वरना, इस गली के आख़री मकान से तो परिंदों ने भी कब का किनारा कर लिया है!!
- ViWa