bushra  
1.2k Followers · 21 Following

Selenophile.
Joined 22 March 2018


Selenophile.
Joined 22 March 2018
YESTERDAY AT 18:32

अक्सर उन खाली पन्नों में ख़ामोश अल्फाज़ रही हूं
मेरी ज़िंदगी की सुर्खियों में बस मैं ही नही हूं..

की बनेंगे हां ऐसे ! ख्वाब वो देखे थे जो कभी
वो इंसान तो आगे बढ़ गया पर मैं यहीं हूं ..

कुछ कश्मकश ऐसे भी पेश आए ज़िंदगी में ,
तब सही थी तो लगता है कभी जी! आज सही हूं

मंजिल को पाने के जुनून से ही तो निकले थे घर से
ये बात अलग है आज वो जोश कहीं तो मैं कहीं हूं..

उनसे कह दूं जो बिछड़े मुझसे जाकर कहीं राह में
बदली नहीं हूं मैं आज भी वही हां वही हूं !

हर ओर से घेरे हों जिसे खानाबदोशियां
ऐसी ही मैं 'खानाबदोश' एक नाज़नीन हूं ।

-


22 APR AT 13:48

एक खुशी को देखो तो सौ सितम हैं
रब ही जाने सहने को कितने ग़म है

बड़ी सादगी से सजा लाए थे दिल अपना
क्या मालूम था दुनिया अच्छाई का भरम है

हर किसी की शान है हर किसी का रुतबा
फिर क्यों इज़्ज़त आबरू की बातें यहां कम है

वो बड़ा जुनून सा रखती है कुछ कर जाने का
ए मौत! थोड़ी मोहल्लत दे तुझे तेरी ही कसम है

चुप क्या रह लिए अब शोर से बगावत हो गई
खामोश इन गलियों में क्या अकेले ही हम है ?!

कुछ मंजर दिल में घर यूं कर गए की
कहता है इक नई दास्तां हर ज़ख्म है

बंद फिजाओं में क़ैद एहसास ए खानाबदोश हम
जिंदा है आज भी खुदा तेरा करम है ।
जिंदा है आज भी खुदा तेरा करम है।

-


29 MAR AT 15:15






-


7 MAR AT 17:39

/ आ रहा है माह-ए-रमज़ान /

-


7 MAR AT 16:34

गुनाह हो जायेंगे माफ
रब ऐसी रहमत बरसाने वाला है
रब को मनाने की तैयारी
कर लो मोमिनों! रमजान आने वाला है

-


5 MAR AT 17:39

उस दिन से...

-


22 FEB AT 22:41

/ Zindagi /

-


22 FEB AT 5:54

खोई इंसानियत, मुझमें फिर भी एक इंसान बाकी है
थोड़ा सा ही सहीं दिल में अब भी ईमान बाकी है ।

जो लेने पर तुला है मेरी जान जमाना ये ,
खुदा ही जाने मुझमें कितनी जान बाकी है ।

मंजिल रूठी है और रास्ते हो गए हैं खफा..
तै करने को अब भी सपनों का जहां बाकी है ।

ये आंसू तो भर रहें हैं दर्द इस दिल का मगर
फिर भी सीने में जख्मों का निशान बाकी है ।

आलम ये है की चुब रही है हर एक सांस
सजा ये की रिहाई को कुछ पल और हां! बाकी है

यूं हार मान कर बैठने से हंस पड़ेगी फिर मौत भी
कहो होंसलों से ज़िंदगी के और इम्तेहान बाकी है।

-


15 FEB AT 20:20

मोहब्बत दिल-लगी को छोड़ कर ये काम करना है
बची है ज़िन्दगी जो अब वो रब के नाम करना है !

-


31 JAN AT 23:50

मुझ खाना-ख़राब का अब और खराब क्या होगा
जब दुनिया ही है अजाब सी तो और अजाब क्या होगा ।

-


Fetching bushra Quotes