bushra  
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Joined 22 March 2018


Joined 22 March 2018
29 MAR AT 15:15






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7 MAR AT 17:39

/ आ रहा है माह-ए-रमज़ान /

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7 MAR AT 16:34

गुनाह हो जायेंगे माफ
रब ऐसी रहमत बरसाने वाला है
रब को मनाने की तैयारी
कर लो मोमिनों! रमजान आने वाला है

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5 MAR AT 17:39

उस दिन से...

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22 FEB AT 22:41

/ Zindagi /

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22 FEB AT 5:54

खोई इंसानियत, मुझमें फिर भी एक इंसान बाकी है
थोड़ा सा ही सहीं दिल में अब भी ईमान बाकी है ।

जो लेने पर तुला है मेरी जान जमाना ये ,
खुदा ही जाने मुझमें कितनी जान बाकी है ।

मंजिल रूठी है और रास्ते हो गए हैं खफा..
तै करने को अब भी सपनों का जहां बाकी है ।

ये आंसू तो भर रहें हैं दर्द इस दिल का मगर
फिर भी सीने में जख्मों का निशान बाकी है ।

आलम ये है की चुब रही है हर एक सांस
सजा ये की रिहाई को कुछ पल और हां! बाकी है

यूं हार मान कर बैठने से हंस पड़ेगी फिर मौत भी
कहो होंसलों से ज़िंदगी के और इम्तेहान बाकी है।

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15 FEB AT 20:20

मोहब्बत दिल-लगी को छोड़ कर ये काम करना है
बची है ज़िन्दगी जो अब वो रब के नाम करना है !

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31 JAN AT 23:50

मुझ खाना-ख़राब का अब और खराब क्या होगा
जब दुनिया ही है अजाब सी तो और अजाब क्या होगा ।

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31 JAN AT 11:43

यूं फर्ज़ ज़िंदगी का तुम अदा किया करो
जितने भी हो ग़म मुस्कुरा लिया करो ।

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31 JAN AT 10:59

बदल गए ज़माने पर दर्द से मेरा वास्ता ना बदला
सब छोड़ दिए साथ मेरी तन्हाई ने रास्ता ना बदला ।

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