22 JUN 2017 AT 8:42

ये जो तुम अपनी निगाहों के तरकश से,
मुद्रा तीर चलाती हो ना,
इनसे बस मैं घायल होता हूँ ज़ालिमा,

मरता तो मैं तुम्हारी झुकी पलको से ही हूँ।

- हर्षनाद