11 AUG 2017 AT 8:50

एक कोने में सुबका दुबका सा पड़ा था कागज़,
आज आग लगी तो सारे परखच्चे उड़ गए।



मैंने आज शब्द नहीं उसका बदन उकेरा था।

- हर्षनाद