कैसे अलग किया मुझे,
अपनी सुबह, शाम से,
अपनी रात से...
अपनी धूप, छाओं से,
बरसात से...
अपने गम, आँसू से,
मुस्कान से...
अपने सबलों, जवाबों से
खयालों से...
अपने शेरों, शायरी से
कविताओं से...
बता भी दो एक बार...
कैसे अलग किया मुझे
अपने यादों से, बातों से,
अपने रूह से, दिल से,
और अपने आप से....
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