16 MAY 2018 AT 0:30

सब बढ़ती ही गये,धीरे धीरे वो मंदिर के करीब जा चुके थे
आवाज मनो अब पूरी तरह शांत,चारो तरफ सन्नाटा छा गया था,मंदिर से एक लौ सी आ रही थी
सब मंदिर के अंदर गये,पर मेरा दिमाग अभी भी अनुराग पर ही जाके टिका था,,,,,सब अंदर पहुंचे और देखा काली माँ का मंदिर,वहाँ दिया जल रहा था उसी की लौ उन्हें दिखी थी,पर आवाज का अभी भी कोई पता नही चल पाया,,,,मंदिर में फूल भी थे जैसे रोज़ यहाँ कोई पूजा करता है,माँ के चरणों के पास ,थोड़ा पानी था सुरजीत और बाकि सब लोगो ने पानी पिया। सब पानी पीकर थोड़ा अच्छा महसूस कर रहे थे पर अनुराग का अभी भी कोई पता न चला,सब वही बैठ गए,सबको नींद आ गई सब मंदिर के अंदर चैन से सो गए थे पर मैं निकल पड़ी अनुराग को खोजने जैसे ही मैं मंदिर के बाहर आई मैंने देखा कोई कार चली आ रही थी,मुझे लगा सायद अनुराग कार लेके आ रहा है उसकी रौशनी इतनी तेज़ की आँखों में चुभ रही थी
पर उस कार ने अपनी दिशा बदल ली और आगे बढ़ गई,मई दौड़ते हुए आगे बढ़ी उस कार की और और उसी जगह जा पहुची जहा 59 साल पहले उस लाल जोड़े वाली नवेली के और वर के साथ ह हैवानियत हुई थी,कार रुकी यही थी उसकी रौशनी भी बंद हो गई जैसे ही मैं पास पहुँची उस कार के अंदर अनुराग और उसके बदन में जैसे किसी के नाकोटने की निशान थे आँखे लाल और भयानक सा चेहरा हो गया था ,उसका जिसे देख कर मैं डर गई थी,अचानक उसके पास एक दूल्हा नज़र आया जो करीब ही था अनुराग के,,,,,

- Bindu tiwari