वो रिश्ते ही क्या जिसमें बँधना पड़ेरिश्ते तो वो हैं जिसमें हम खुल सके । -
वो रिश्ते ही क्या जिसमें बँधना पड़ेरिश्ते तो वो हैं जिसमें हम खुल सके ।
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