परमानेंट....
सिर्फ मार्कर होता है, लोग नहीं ।।-
Bhuvnesh Raghav
(Zindagi Aasaan hai)
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बसर राजे दिली कहकर , जलीलो खुयार होते है
निकल जाती हैं खुशबू तो गुल बेकार होते है।
निकल जाती हैं खुशबू तो गुल बेकार होते है।
Joined 3 April 2018
19 JAN 2022 AT 23:36
कभी-कभी ना,
बन्दा बहुत हार जाता है यार अंदर से
बाहर से दिखता है हंसता खेलता इंसान
अंदर से होता है अकेला खाली इंसान
तब ना कभी-कभी मन करता है
कि हार जाए और छोड देंगे सब कुछ
उसी वक़्त खयाल आता है कि यार
हारने के लिए तो यह सब शुरु नहि किया था
तो जब तक जीतेंगे नहीं
तब तक छोड़ेंगे नहीं ।।-
26 DEC 2021 AT 23:48
मुद्दत हुई इस पेड़ की,
हर साख को सूखे ।।
पंछी भी यहां रात,
बिताने नहीं आते ।।
आते हैं नए लोग, पुराने नहीं आते ।।-
26 DEC 2021 AT 23:35
लकड़ी के मकानों में ,
चिरागों को ना रखना ।
लगी आग , पड़ोसी भी ,
बुझाने नहीं आते ।।
आते हैं नए लोग, पुराने नहीं आते ।।-
5 DEC 2021 AT 19:59
सारे मसरूफ है यहां
दूसरों की कहानियां जानने में
इतनी शिद्दत से खुद को
अगर पढ़ते, तो खुदा हो जाते ।।-
5 DEC 2021 AT 19:37
विरासत में हर बार ' जागीर '
और 'सोना चांदी' नहीं मिलता
कई बार 'जिम्मेदारियां'
भी मिलती हैं ।।-